कई बार सदर अस्पताल की लापरवाही की खबरों को कवर करने पहुंचने वाले पत्रकारों को भी खबर कवर करने से रोकने की भरपूर कोशिश किया जाता है
जहानाबाद सदर अस्पताल में इमरजेंसी में डयूटी से नदारद रहते हैं डॉक्टर, जिलाधिकारी के आदेश का भी नहीं हो रहा कोई असर बिहार के जहानाबाद जिले की सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई है। शनिवार के अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से दोनो डॉक्टर नदारद रहे, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिलाधिकारी के लाख प्रयासों और सख्त आदेश के बावजूद अस्पताल की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
आपको ज्ञात हो कि सदर अस्पताल में एक समय में दो डॉक्टरों की ड्यूटी रहती है लेकिन जनाब डॉक्टर साहब नदारत दिखे। पीकू वार्ड में ताल लगा हुआ दिखा आपको बता दें कि छोटे बच्चों के इलाज के लिए एक अलग तरह की खास वार्ड बनाई जाती है जिसे पीकू कहा जाता है। सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में ताल लगे रहने के कारण अपने बच्चे को दिखाने माता-पिता काफी परेशान दिखे
डॉक्टर नहीं मिलने के कारण कई अन्य मरीजों को इंतजार करना पड़ा। कुछ मरीजों के परिजनों ने नाम न बताने की शर्त पर का बताया कि “हम गरीब लोग घंटों खड़े रहते हैं, लेकिन डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते। शिकायत करने के बावजूद कोई सुधार नहीं होता।” अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही पर बार-बार जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। पहले भी कई मरीजों ने इमरजेंसी में डॉक्टर न होने के शिकायत की है। कई बार सदर अस्पताल की लापरवाही की खबरों को कवर करने पहुंचने वाले पत्रकारों को भी खबर कवर करने से रोकने की भरपूर कोशिश करता है।
जिलाधिकारी ने कई बार ऑन कैमरा अस्पताल में प्रबंधन ठीक करने के आदेश दिए है उसके बाद भी हाल यथास्थिति बनी हुई है। जिले की एक मात्र बड़े सरकारी अस्पताल की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा है और ऐसे में इस तरह की लापरवाही बार बार सामने आना कहीं न कहीं प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठता है। आखिर क्या वजह रह गयी है कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी कानों पर जूं नहीं रेंग रहा और खुलेआम अवहेलना हो रही है


