रतनी प्रखंड। पक्का घर हर गरीब का सपना होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं मुख्यमंत्री आवास योजना इसी सपने को साकार करने के लिए शुरू की गई थी, ताकि देश के अंतिम व्यक्ति को भी सिर पर छत मिल सके। लेकिन जब यही योजना भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ जाए तो इससे बड़ी नाइंसाफी गरीबों के लिए और क्या हो सकती है।
सेसम्बा पंचायत में आवास योजना में भ्रष्टाचार
सेसम्बा पंचायत में आवास योजना को लेकर जो खुलासे हुए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। ग्रामीण आवास सहायकों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। यह बताने के लिए काफी है कि कैसे इस जन-कल्याणकारी योजना में भारी गड़बड़ी हो रही है।
ग्रामीण आवास सहायकों पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगे हैं। यह दर्शाता है कि कैसे जिन कर्मचारियों पर व्यवस्था की नींव टिकी होती है, वही चंद पैसों के लालच में गरीबों का हक छीनने पर उतर आए हैं।
इनमें से कई मामलों में अपात्र लोगों को योजना का लाभ दिया गया सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस पूरे खेल में पंचायत प्रतिनिधि वार्ड सदस्य भी शामिल बताए जा रहे हैं।
वोट बैंक की राजनीति और व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते वे इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि किसी एक अपात्र को लाभ पहुंचाना,जो जरूरतमंदों के साथ अन्याय है।