Sunday, December 14, 2025

जहानाबाद दरधा नदी किनारे बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य संस्थानों का औचक निरीक्षण

जहानाबाद जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष, जिला गंगा समिति, जहानाबाद श्रीमती अलंकृता पांडेय के निर्देशानुसार नगर क्षेत्र के दरधा नदी किनारे बायो-मेडिकल अपशिष्ट के निस्तारण की स्थिति का मूल्यांकन करने हेतु एक संयुक्त निरीक्षण अभियान चलाया गया। यह अभियान स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय मानकों की निगरानी तथा नदी प्रदूषण की रोकथाम के उद्देश्य से संचालित किया गया।

निरीक्षण दल का नेतृत्व असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जहानाबाद द्वारा किया गया। इस टीम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य विभाग; जिला परियोजना पदाधिकारी, जिला गंगा समिति (नमामि गंगे); नगर स्वच्छता प्रबंधक, नगर परिषद; राजस्व पदाधिकारी, जहानाबाद; एवं नगर थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों की सहभागिता रही।

इस दौरान दरधा नदी के तटवर्ती क्षेत्र में स्थित मेडिकल अस्पतालों एवं पैथोलॉजी लैब्स का भौतिक निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ संस्थानों द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट जैसे सूई, सिरिंज, निडिल आदि का असंगत एवं अनियंत्रित तरीके से नदी तट पर निष्कर्षण किया जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है।

टीम ने लगभग 12 चिकित्सा संस्थानों का गहन निरीक्षण कर वहाँ बायो-मेडिकल अपशिष्ट के पृथक्करण, संग्रहण, अस्थायी भंडारण एवं निस्तारण की व्यवस्था का मूल्यांकन किया।

निरीक्षण के उपरांत सभी संस्थानों को “बायो-मेडिकल वेस्ट (मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग) नियमावली, 2016” के कड़ाई से अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया। यह स्पष्ट किया गया कि नियमों की अवहेलना करने वाले संस्थानों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण दल ने संबंधित संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे “बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016” [Bio-Medical Waste Management Rules, 2016], जो कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित है, का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें।

इस अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (HCF) का यह दायित्व है कि वह बायो-मेडिकल अपशिष्ट का पृथक्करण, लेबलिंग, संग्रहण, परिवहन, उपचार और अंतिम निस्तारण वैज्ञानिक व पर्यावरण-अनुकूल तरीके से करे। अनुपालन में लापरवाही पर अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत वित्तीय दंड, लाइसेंस निरस्तीकरण एवं आपराधिक कार्रवाई तक की व्यवस्था है।

यह अभियान जिला गंगा समिति, जहानाबाद द्वारा गंगा की सहायक नदियों में स्वच्छता सुनिश्चित करने एवं जल स्रोतों को प्रदूषण से मुक्त रखने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस निरीक्षण के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले संस्थानों की सामाजिक जिम्मेदारी भी उतनी ही गंभीर है, जितनी उनकी चिकित्सीय भूमिका।
जिला गंगा समिति आमजन, संस्थान एवं स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों से अपील करती है कि वे पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें तथा अपने बायो-मेडिकल वेस्ट को वैज्ञानिक एवं विधिसम्मत तरीके से निष्पादित करें, जिससे जल स्रोतों की शुद्धता और जैविक संतुलन बनाए रखा जा सके।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles