विधायिका पर कार्यपालिका का हावी होना, लोकतंत्र के लिए खतरा -रामबली
जहानाबाद -जिले में एक माह तक चलने वाली श्रावणी मेला वानावर का दिनांक 11 जुलाई को उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, लेकिन वानावर श्रावणी मेला उद्घाटन में जिले के महागठबंधन के तीनों विधायको को, जिला प्रशासन द्वारा प्रोटोकॉल का पालन न करने को लेकर ज़िले में सियासी पारा चढ़ गया है।
जिले के महागठबंधन के तीनों विधायक ने सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता कर जिला प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए अखवार में छपी खबर को हवाला देते हुए बताया कि वानावर के श्रावणी मेला का उद्घाटन जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के कर कमलों द्वारा किया जाएगा।इस खबर पर सियासी पारा चढ़ गया है, जिसे विधायको ने लोकतंत्र को समाप्त करने की साज़िश बताया है।
मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार ने कहा कि जिला पदाधिकारी द्वारा हम जनप्रतिनिधियों के साथ साथ जनता को भी अपमानित करने का काम किया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि,जब जिला पदाधिकारी मेले का उद्घाटन करेंगे तो क्या हमलोग उद्घाटन के उपरांत ताली बजाकर उनका अभिवादन करेंगे। वही उन्होंने कहा कि बीते साल की घटना से सभी लोग अवगत हैं, फिर भी जिला प्रशासन सचेत नहीं है।
वही घोषी विधायक रामबली सिंह यादव ने कहा कि बिहार सरकार के इशारे पर लोकतंत्र को कमजोर करने की साज़िश रची जा रही है। हमलोगों को श्रावणी मेले के उद्घाटन में दर्शक के रूप में आमंत्रित कर आम मतदाताओं को अपमानित करने की कोशिश किया गया है।
वही जहानाबाद विधायक कुमार कृष्ण मोहन उर्फ़ सुदय यादव ने कहा कि जिस तरह से जिला पदाधिकारी द्वारा हमलोगों को अपमानित करने का काम किया गया है,वो कही से भी उचित नहीं है। हालांकि उन्होंने बताया कि हमलोग श्रावणी मेला का निरिक्षण समय-समय पर करेते रहेंगे,ताकी पूर्व की घटना की पूर्णावृति न हो।
वही जिला प्रशासन द्वारा वानावर श्रावणी मेला को लेकर सुरक्षा को लेकर काफी तैयारी की गई है। पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल के साथ साथ द॑डाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।
मामला चाहे जो कुछ भी हो लेकिन वानावर श्रावणी मेला उद्घाटन को लेकर ज़िले में सियासी पारा चढ़ गया है। यहां तक कि विपक्षी दल यानी महागठबंधन के सांसद, विधायक के मेला उद्घाटन में शामिल न होने पर जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने जैसा बात भी कही जा रही है।


