रतनी रामाश्रय प्रसाद सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक तरफ तो इलाज किया जा रहा है दूसरी तरफ मरीजों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है। अस्पतालों की टंकियां लंबे समय से साफ नहीं हुई हैं। इनमें काई की मोटी परतें जमा हो गई हैं और पानी बदबूदार हो चुका है, जिसमें कीड़े तैरते नजर आ रहे हैं।
जब अस्पताल प्रभारी ने बैठक में टंकियों की सफाई के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दिया। जैसे कि शकूराबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी टंकियों का बहुत बुरा हाल है। यहां 5 टंकियां हैं जिनकी नियमित सफाई नहीं होती।
आप भी जानें, क्या देखा हमने
शकूराबाद अस्पताल की सभी 5 टंकियों में काई की मोटी परतें जमी हैं। पत्रिका टीम ने जब छत पर लगी टंकियों को जाकर देखा तो होश ही उड़ गए। काई की चार से पांच इंच मोटी परत पानी में तैर रही थी। जिस टंकी से पीने के पानी की सप्लाई होती है उसे एक साल से साफ नहीं किया गया है। सूक्ष्म जीवाणु पानी में तैरते नजर आए। सभी टंकियों के ढक्कन गायब हैं। ऎसी खुली टंकियों का संक्रमण युक्त पानी मरीजों को पिलाया जा रहा है।

वाटर कूलर के फिल्टर भी खराब
शकूराबाद अस्पताल के दो वाटर कूलर का फिल्टर लंबे समय से खराब हंै। गर्मियों में वाटर कूलर ठीक से पानी ठंडा नहीं कर पा रहा था। जिसके बाद टेक्नीशियन ने बताया कि इसका फिल्टर भी खराब हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार फिल्टर सिस्टम अब तक नहीं सुधरा है। मरीज गंदे टंकियों का बिना फिल्टर किया हुआ पानी पी रहे हैं। बरसात में एक ओर जल जनित संक्रमित बीमारियां तेजी से फैलती हैं।

गंदे पानी से होती है संक्रामक बीमारियां
पीलिया
टाइफाइड
डायरिया, संक्रामक डायरिया
उल्टी-दस्त
हैजा
वायरल फीवर