जहानाबाद – जिले के नगर प्रखंड क्षेत्र के अमैन पंचायत में मनरेगा योजना में भारी लुट, तथा लाखों रुपए की फर्जी निकासी का मामला उजागर होने पर, प्रशासनिक अधिकारी द्वारा तेजी लाते हुए जांच की कार्रवाई की गई थी। योजना में बिना कार्य कराए हुए भारी पैमाने पर फर्जी निकासी की, जांच दल द्वारा बात सही पाया गया था।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय से निर्गत पत्र द्वारा पंचायत रोजगार सेवक एवं तकनीकी सहायक से कार्य नहीं होने के उपरांत राशी निकासी कर लेने पर स्पष्टीकरण की मांग किया गया था।
अब यहां चौंकाने वाली मामला सामने आई है कि मनरेगा योजना में फर्जी निकासी के लिए स्पष्टीकरण मांगना और फिर लीपापोती कर देना,एक बड़ी भ्रष्टाचार का बढ़हवा देना जैसा प्रतीत होता है।
यहां यह बता दें कि नगर प्रखंड क्षेत्र के अमैन पंचायत में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर फर्जी निकासी कर लेने की नेक्स्ट भारत न्यूज़ ने प्रमुखता से खबर छपी थी। हालांकि खबर चलने के उपरांत उप विकास आयुक्त ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी एवं प्रोग्राम पदाधिकारी को योजना की जांच करने का आदेश दिया गया था।
डी पी ओ एवं पी ओ ने अमैन पंचायत में मनरेगा योजना का मात्र एक ही योजना जो विनोद कुमार के घर से wpu तक तटबंध मरम्मती कार्य की जांच की गई। इस कार्य में पंचायत रोजगार सेवक द्वारा आठ किस्तों में 181980 रुपए निकासी कर ली गई,और काम मात्र 29117 रुपए की ही की गई।
फलस्वरूप उप विकास आयुक्त के पत्रांक 429 के द्वारा पंचायत रोजगार सेवक, तकनीक सहायक एवं मुखिया से स्पष्टीकरण की मांग किया गया था।पर॑तु भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाने के फलस्वरूप मामला को ठंढ़े वस्ते में डाल दिया गया, और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने तथा लुट की छुट वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया गया।
हालांकि उस पंचायत में और अन्य योजनाओं में भी फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है, लेकिन एक कहावत यहां चरितार्थ होता है कि सैंया भइल कोतवाल,अब डर काहे का।
यानी भ्रष्टाचार की गंगोत्री में सभी डुबकी लगाई है तो फिर जांच पड़ताल काहे होगा।
मामला जो कुछ भी हो लेकिन इतना तो तय है कि मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है।