जहानाबाद जिले में कोरोनाकाल के समय में ऑक्सीजन की कमी से जिले में सैकड़ों मरीजों ने दम तोड़ दिया था, आज उसी अनमोल ऑक्सीजन की कीमत को स्वास्थ्य विभाग समझने को तैयार नहीं है। हालांकि फिलहाल जिले में तो कोई कोरोना का ताजा मामला नहीं है लेकिन संभावित खतरों से निबटने की विभागीय तैयारियां फिलहाल दुरूस्त नहीं दिख रही है। दरअसल जहानाबाद सदर अस्पताल परिसर में करोड़ों की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का स्थापना काल के बाद से ही प्राय: ठप पड़ा है। मामूली तकनीकी गड़बड़ी से प्लांट का संचालन पूरी तरह से बंद है जबकि एक बार फिर कोरोना को लेकर हर जगह सतर्कता व तैयारियों को दुरूस्त करने की बातें हो रही है। ऐसे हालात में जिले के एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट को बंद रहने से आम लोगों की चिंता पर बल पड़ सकता है।
प्रति मिनट पांच सौ लीटर ऑक्सीजन आपूर्ति की है क्षमता गौरतलब हो कि करोना काल में ऑक्सीजन की किल्लत होने के बाद पीएम केयर निधि से जहानाबाद सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का स्थापना किया गया था। यूनिट का शुभारंभ बड़े तामझाम से किया गया था। ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन आपूर्ति करने की है। यूनिट की स्थापना के बाद जिले वासियों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर बड़ी आस जगी थी। लेकिन निर्माण के बाद से ही ऑक्सीजन प्लांट का अधिकांश समय बंद रहने से लोगों की आशा निराशा में बदल गई है। सबसे बड़ी समस्या प्लांट में ऑक्सीजन के स्टोरेज की है। हालांकि स्टोरेज के लिए पर्याप्त क्षमता का टैंक भी उपलब्ध है लेकिन उसे स्टोरेज के लिए आज तक इंस्टॉल ही नहीं किया गया। एक बार स्थापना के बाद हैदराबाद की यूनिट स्थापित व संचालित करने वाली मेधा इंजीनियरिंग कंपनी का कोई अधिकारी ताकने तक नहीं आया है। संबंधित इंजीनियर को यहां सेवा नहीं देने पर अस्पताल प्रबंधन ने औपचारिक रूप से आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई है जिससे कंपनी वाले गैर जिम्मेदाराना हरकत कर रहे हैं।
सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट तकनीकी गड़बड़ी की वजह से बंद है।